किसी व्यक्ति के मरने के बाद उससे जुड़ी आर्थिक जानकारियां कैसे
जुटाएं?

Curative
5 min readJun 13, 2021

मोनिका हालान

किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका आर्थिक लेखा-जोखा समझना परिवार के लिए सबसे बड़ी ज़रूरत है. औरतें इस कड़ी में अक्सर पीछे रह जाती हैं, क्योंकि आर्थिक मामलों को लेकर उनकी समझ विकसित नहीं होती. तो कैसे कर सकते हैं ये काम, जानिए आर्थिक

(ये लेख पर्सनल फाइनेंस यानी व्यक्तिगत वित्त (प्रबंधन)विशेषज्ञ मोनिका हालान द्वारा अंग्रेज़ी में लिखी गई एक श्रृंखला का हिंदी अनुवाद है. लेखक के बारे में जानने के लिए उनकी वेबसाइट पर क्लिक करें.

इस मुश्किल दौर में मदद की गुहार लगाने वाले कई हैं. किसी के पति की मौत हो गई है. किसी ने अपने पिता को खो दिया है. किसी के भाई, किसी करीबी रिश्तेदार या दोस्त की मृत्यु हुई है. स्वास्थ्य के मोर्चे पर हमारी हार हुई है, लेकिन इसके साथ अब हमें वित्तीय मोर्चे पर ध्यान देने की ज़रूरत है.

भावनात्मक रूप से इनसे उबरने में सारी ज़िंदगी लग जायेगी लेकिन तमाम खर्चों जैसे ईएमआई, घर का किराया,स्कूल की फीस, राशन, बिल और बकाया रकम पर कोई राहत नहीं मिलने वाली है, इसलिए इसे लेकर हम इंतजार नहीं कर सकते हैं.

कोविड अपने पीछे औरतों, बच्चों और आश्रित बुजुर्गों को ऐसी परिस्थितियों में छोड़कर जा
रहा है, जहां उन्हें अचानक से ही उन लोगों की अनुपस्थिति का सामना करना है जो महज़
घर का खर्च ही नहीं चलाते थे बल्कि उनकी सार संभाल भी करते थे. यहां तक कि
जो अपनी वसीयत छोड़कर गए हैं, हो सकता है कि उनके आश्रित परिजन भी संपत्तियों,
देनदारियों, बीमा और तमाम वित्तीय पहलुओं के बारे में न जानते हों. एक मृतक से जुड़ी
आर्थिक जानकारियों को जुटाकर उसे संग्रहित करना उनके लिए भी आसान नहीं है जो इन
मामलों को लेकर काफी सक्रिय रहे हैं। महिलाओं के लिए ये खासकर मुश्किल हो सकता है.

मैं ये सीरीज लिख रही हूं जो इस वित्तीय पहेली को सुलझाने में मदद करेगी। ये एक कोशिश है किसी व्यक्ति के जाने के बाद उसकी ठीक-ठीक आर्थिक तस्वीर खींच सकने की, ताकि हम समझ सकें की वह सबूत, दस्तावेज़ और संसाधन कौन से हैं.

मैं इसकी शुरुआत उन लोगों से करना चाहूंगी जो इस विषय में आपकी सहायता कर सकते हैं। वे लोग या तो सर्विस प्रोवाइडर हो सकते हैं या फिर ऐसे लोग होंगे जिनके पास मृत व्यक्ति से जुड़ी वित्तीय जानकारियां हैं, जो अब आपको जानकारी नहीं दे सकता। यहां हम कोशिश कर रहे हैं कि कम से कम इन संसाधनों के साथ हम उस व्यक्ति की आर्थिक परिस्थितियों के बारे में बेहतर जानकारियां जुटा सकें।

तो, सबसे पहले आपको किसके पास जाना चाहिए?

  1. वित्तीय नियोजक एवं सलाहकार (Financial Planner): अगर व्यक्ति समर्थ हो तो तो मुमकिन है कि वह किसी वित्तीय नियोजक के साथ काम कर रहे होंगे, जिसके पास आपके आर्थिक मामलों की पूरी जानकारी मौजूद होगी. उसने ये सुनिश्चित किया होगा कि नामांकन (nomination) सुरक्षित हों, वसीयत लिखी जा चुकी हो और उसे सत्यापित (registered or verified) किया जा चुका हो. वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और उसके प्रबंधन में ये नियोजक ही हमारी मदद करते हैं. लेकिन हम अभी भी हम ऐसे सुविधा प्रदाताओं के साथ काम करने से हिचकिचाते हैं क्योंकि या तो उनका सुविधा शुल्क हमारी पहुंच से बाहर है या फिर उनकी मौजूदगी ही बेहद कम है.
  2. चार्टेड अकाउंटेंट (CA): आप दूसरे नंबर पर किसी व्यक्ति को कॉल करना चाहते हैं तो
    वो आपके परिवार का चार्टेड अकाउंटेंट है. सीए या जो भी आपका टैक्स रिटर्न भरता है, उसके पास किसी व्यक्ति के आर्थिक मामलों की बहुत सारी जानकारियां होती हैं. सीए न सिर्फ उसकी आय, व्यय, बचत, निवेश और बैंक अकाउंट संबंधी जानकारियां रखता है बल्कि उसके पास उस व्यक्ति के महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों जैसे पैन, आधार एवं अन्य पहचान पत्रों की भी जानकारियां होती हैं. सीए को वित्तीय संबंधों और संपत्तियों के बारे में भी जानकारी हो सकती है और वो उन दस्तावेजों तक पहुंचने का साधन भी रख सकता है.
  3. बॉस: इसके बाद आप उस व्यक्ति के ऑफिस फ़ोन कर सकते हैं, जहां उसके बॉस से
    संपर्क करना जरूरी है. बॉस, एचआर ऑफिस और अकाउंट्स से संपर्क करके उस व्यक्ति से जुड़ी सूचनाओं और दस्तावेजों तक आपकी पहुंच सुनिश्चित कर सकते हैं. पर्सनल एसिस्टेंट, सेक्रेटरी भी इस पहेली को सुलझाने में काफी मदद कर सकते हैं. मासिक आय, बोनस या कमीशन और बीमा संबंधी जानकारियां शायद ऑफिस के जरिए मिल सकती हैं. उसके साथ आपके कर्जों की जानकारियां भी मिल सकती हैं, अगर आपने लिए हों तो. एक अच्छी कंपनी महामारी के दौरान ऐसे कर्जों को माफ़ भी कर सकती है.
  4. बैंक रिलेशनशिप मैनेजर (Bank relationship manager): इसके बाद अगला नंबर बैंक रिलेशनशिप मैनेजर का है, अगर आप उसे जानते हों तो। बैंक से आधिकारिक रूप से बात करने के लिए आपके पास मृत्यु प्रमाणपत्र, वसीयत के कागज, कानूनी वारिस होने का प्रमाणपत्र या फिर उत्तराधिकार के काग़ज़ होने चाहिए. बैंक आपको ऐसे विवरण दे सकता है जो धन की निकासी और उसके स्रोतों से संबंधी सूचना जुटाने में मदद करें.
  5. एजेंट और ब्रोकर (Agents and brokers): इसके बाद पता करें कि संबंधित व्यक्ति किन एजेंटों के साथ काम कर रहा था. सामान्यतः बीमा एजेंट, म्यूचुअल फंड एजेंट, स्टॉक ब्रोकर और रियल स्टेट ब्रोकर होंगे. ये आपको उनकी सेवाओं और खाता विवरण संबंधी जानकारियां दे पाने में सक्षम होंगे और आपके उन पर दावों पर आपकी मदद कर सकेंगे.
  6. वकील (Lawyer): अगर आपके परिवार से जुड़ा कोई वकील हो तो उससे जरूर बात करें. उसके पास कुछ कागज़ात और दस्तावेज हो सकते हैं. साथ ही मृतक की संपत्तियों या देनदारियों संबंधित जानकारियां उसके पास हो सकती हैं.
  7. दोस्त और सहकर्मचारी (Friends and colleagues)अक्सर किसी व्यक्ति के दो से तीन ऐसे करीबी मित्र हो सकते हैं जिनसे मृतक ने अपने आर्थिक मामलों की चर्चा की हो. आप ऐसे रिश्तेदारों या करीबी पारिवारिक मित्रों के बारे में जानते होंगे जो मृतक के साथ इन मामलों पर बातचीत का हिस्सा थे. वे आपको संपत्ति से जुड़ी ख़ोज में मदद कर सकते हैं और उन कागजों और व्यक्तियों के बारे में बता सकते हैं, जिनकी सूचना ऊपर लिखे गए लोगों से नहीं मिल सकती थी.

आप एक डायरी बनाएं, जिनमें इन सभी लोगों से मिली जानकारियों को दर्ज करते जाएं.
क्योंकि आखिरी जानकारी जुटाने तक में अभी लंबा समय लगने वाला है. याद रखिए कि इस
पड़ाव तक अभी हम सिर्फ उन लोगों की सूची बना रहे हैं, जिनसे आपको संपर्क करना है. हम उनसे क्या चाहते हैं और इसके लिए उनसे किस तरह से बात करें, उसके बारे में अगले कुछ लेखों में बात की जायेगी. इसके बाद, मैं उन डिजिटल निकासियों की सूची दूंगी, जो एक आम व्यक्ति के पास होता है. इसके जरिए आप पैसे संबंधी इस पहेली को सुलझाना शुरू कर
सकती हैं.

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A support group for family caregivers & anyone caring for family members with long term illnesses or Covid. यहां हिंदी और अंग्रेज़ी में जानकारी साझा की जाएगी.