मृतक कीआर्थिक जानकारियांं: क्या जानना ज़रूरी है और कहां मिलेगी ये जानकारी

Curative
6 min readJun 19, 2021

मोनिका हालान

(ये लेख पर्सनल फाइनेंस यानी व्यक्तिगत वित्त (प्रबंधन) विशेषज्ञ मोनिका हालान द्वारा अंग्रेज़ी में लिखी गई एक श्रृंखला का हिंदी अनुवाद है. लेखक के बारे में जानने के लिए उनकी वेबसाइट पर क्लिक करें.

ये एक सिरीज़ है, जिसमें हम किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजनों के लिए उसका आर्थिक लेखाजोखा तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पहले भाग में, मैंने उन लोगों के बारे में चर्चा की जिनसे आप किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद संपर्क कर सकते हैं और जो आपको मृतक की आर्थिक ज़िंदगी से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध करा सकते हैं. ये पहल Curative Family Caregivers Support Group के तहत की जा रही है.

अगला पड़ाव है कि आप मृतक के डिजिटल उपकरणों और निकासियों को जांचते हुए उसके आर्थिक जीवन के बारे में पता करें। हमारा डिजिटल फुटप्रिंट हमारे बारे में बहुत कुछ बताता है कि हम कैसेि व्यक्ति हैं और हम क्या करते हैं। बड़ी बड़ी टेक कंपनियां इनका इस्तेमाल करते हुए ही हमारे लिए विज्ञापनों का चुनाव करती है। आप भी इन फुटप्रिंटों के जरिए इस पहेली के कुछ हिस्सों को सुलझा सकते हैं।

1) फ़ोन: ये किसी व्यक्ति से जुड़ी आर्थिक सूचना देने में सबसे ज्यादा मददगार उपकरणों में से एक है। सबसे पहले तो आप फ़ोन का पासवर्ड पता करिए। हो सकता है कि ये पासवर्ड आपको पहले से मालूम हो या फिर आप इसे पता करने का उपाय जानते हों। हम सभी के पास पासवर्ड इस्तेमाल करने के कुछ ख़ास तरीके होते हैं और कई दंपत्ति एक दूसरे के साथ अपना पासवर्ड या पिन कोड शेयर करते हैं। अगर फ़ोन पर फिंगरप्रिंट लॉक है तो आपको किसी तकनीकी जानकार की ज़रूरत पड़ेगी। इंटरनेट पर भी ऐसे तरीके उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप फ़ोन अनलॉक कर सकते हैं लेकिन ये फ़ोन के मॉडल, उसके सॉफ्टवेयर और उसके अलग अलग वर्शन के हिसाब से अलग अलग हैं। इसलिए, फ़ोन को अनलॉक किया जा सकता है लेकिन मैं इस पर और बात नहीं करना चाहूंगी। आपको अपने परिवार या दोस्तों में से किसी तकनीकी जानकार की मदद लेकर ये काम करना होगा।

हम क्या ढूंढ़ रहे हैं?

हम इसमें उन लोगों के नंबर ढूंढ़ रहे हैं, जिनके बारे में पिछले भाग में कहा जा चुका है। कॉल हिस्ट्री चेक करिए। पूरा समय लगाकर पूरी लिस्ट को खंगालिए और उन नंबर्स को अपने पास सुरक्षित कर लीजिए, जो किसी रूप में पैसे से जुड़े हों। ज्यादातर लोग अपने फ़ोन में नंबर के साथ साथ उससे जुड़े काम को दर्ज करते हैं या इन नंबरों से जुड़ी डिटेल के साथ उस फर्म की भी जानकारी होगी, जिसके साथ ये व्यक्ति काम करते हैं या उसे चलाते हैं। इसके अलावा हमें फ़ोटो गैलरी को भी देखना है क्योंकि हो सकता है कि उस व्यक्ति ने किन्हीं महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों को तस्वीरों के रूप सहेज के रखा हो।

कुछ लोग गैलरी में पैन, आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और इसी तरह के अन्य दस्तावेजों को तस्वीरों के रूप में सुरक्षित रखते हैं। हो सकता है कि आपको बीमा पॉलिसी, म्यूचुअल फंड अकाउंट स्टेटमेंट, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट जैसे अन्य दस्तावेजों की तस्वीरें या पीडीएफ भी फोन में मिल जाएं। ये भी हो सकता है कि मृतक बजट बनाने के लिए किसी ऐप का इस्तेमाल करता रहा हो और इससे नियमित बाहरी खर्चों के बारे में काफी जानकारी मिल जाए। हो सकता है कि इसके जरिए आप किसी बीमा के प्रीमियम के बारे में जानें, जिसके बारे में आपको पता नहीं था। हर महीने की एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) की रकम भी इसमें दर्ज हो सकती है।

2) कंप्यूटर: डेस्कटॉप या लैपटॉप भी ऐसे डिवाइस (उपकरण) हैं जिनके जरिए बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है, चूंकि इनमें बहुत सी महत्त्वपूर्ण जानकारियां संग्रहित की जा सकती हैं। फिर से मैं ये कहूंगी, कि मुझे उम्मीद है कि इनके पासवर्ड आपके पास होंगे और आप कंप्यूटर इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो किसी जानकार से संपर्क करिए या फिर गूगल की मदद से लॉक्ड कंप्यूटर को खोलने की कोशिश की जा सकती है। ये मानते हुए कि आप अपना कंप्यूटर खोल सकते हैं, आप ऐसे दस्तावेज़ ढूंढ़ रहे हैं जिन्हें स्कैन करके सुरक्षित रखा गया है। जैसे पैन, आधार और अन्य पहचान प्रमाणपत्र। बीमा पॉलिसियों (कार, घर और जीवन बीमा पॉलिसी वगैरह अब डिजिटल फॉर्म्स के जरिए भी भेजे जाने लगे हैं) की डाउनलोडेड फाइल्स अक्सर हार्ड डिस्क में सुरक्षित होती हैं। ऐसा कोई फोल्डर ढूंढ़िए, जिसमें टैक्स संबंधी जानकारियां हों। किसी अन्य में बैंक डिटेल्स भी हो सकती हैं। शेयर और म्यूचुअल फंड्स से जुड़े एनएसडीएल (डिपॉजिटरी) के मासिक विवरण की जानकारी हो सकती है। हो सकता है कि प्रॉपर्टी पेपर्स को स्कैन करके पीडीएफ फाइल के रूप में रखा गया हो। कुल जमा पूंजी और परिसंपत्तियों की सूची हो सकती है। नियमित रूप से भरे जाने वाले बिल जैसे मकान का किराया, ईएमआई, प्रीमियम और एसआईपी से जुड़ी कोई एक्सेल या वर्ड फाइल हो सकती है। ऑफिस कंप्यूटर के लिए आप ऑफिस एसिस्टेंट या बॉस से संपर्क कर सकते हैं।

3) टैबलेट: आजकल ज्यादातर लोगों के पास कई डिवाइसेज हैं। आप एक आईपैड या एंड्रॉयड टैबलेट को ढूंढ़ सकते हैं। अगर वो व्यक्ति लैपटॉप या डेस्कटॉप की बजाय टैबलेट पर काम करना ज्यादा पसंद करता होगा, तो आपको सारी जानकारियां यहां मिल सकती हैं।

4) ईमेल: ईमेल के जरिए भी आप किसी व्यक्ति से जुड़ी आर्थिक सूचनाएं पता कर सकते हैं। यदि आपकी पहुंच कंप्यूटर या फ़ोन तक नहीं बन पा रही, तो आप ईमेल अकाउंट खोलने की कोशिश कर सकते हैं अगर आपको पासवर्ड के बारे में जानकारी है तो। ईमेल होस्ट से जुड़ी ईमेल आईडी और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के जरिए आप ज्यादातर अकाउंट्स को खोलने में सक्षम हैं।

5) व्हाट्सएप (सिग्नल/टेलीग्राम या अन्य कोई मैसेजिंग एप): मैं ये मानकर चल रही हूं कि आप किसी डिवाइस के जरिए व्हाट्सएप अकाउंट खोल सके हैं तो आप उसके मैसेजेस को चेक करिए। किसी वित्तीय सेवा प्रदाता को भेजे गए संदेशों के जरिए हम उस व्यक्ति के बैंक अकाउंटों, परिसंपत्तियों, देनदारियों के बारे में जरूरी जानकारियां जुटा सकते हैं। कुछ लोग किसी ज़रूरी अपडेट और उसकी डिटेल्स को अपने नंबर पर मैसेज करके व्हाट्सएप पर ही संरक्षित रखते हैं, बजाय कि वे इसके लिए फ़ोन या कंप्यूटर पर नोट फीचर का इस्तेमाल करें। यहां संरक्षित फाइलों/डॉक्यूमेंट्स को ओरिजिनल कॉपी ही समझा जाता है।

6) डीजी-लॉकर: कुछ लोग इस ऐप (http://digilocker.gov.in) का इस्तेमाल कर रहे होंगे जो एक ही जगह पर सभी तरह के दस्तावेजों की मूल प्रतियों को संरक्षित रखने की सुविधा देता करता है। यह एक सरकारी पोर्टल है और एप है, जहां पहले से ही कुछ लोग अपने डॉक्यूमेंट सुरक्षित रखने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ईमेल और ओटीपी के जरिए इस एप को खोला जा सकता है। यहां संरक्षित डॉक्यूमेंट ओरिजिनल कॉपी समझे जाते हैं।

7) क्लाउड: शायद वो व्यक्ति, जिसकी मृत्यु हो गई है, किसी क्लाउड सर्विस जैसे गूगल ड्राइव, आईक्लाउड, ड्रॉपबॉक्स या अन्य किसी सर्विस का इस्तेमाल कर रहा होगा। ये न सिर्फ फाइलों और उनके डाटा को हार्ड डिस्क में स्टोर करके रखती हैं बल्कि ये रिमोट सर्वर्स पर भी उपलब्ध होती हैं, जिन्हें किसी भी डिवाइस के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है। ओटीपी, पासवर्ड, ईमेल आदि की फिर से जरूरत पड़ेगी इसके लॉक को खोलने के लिए।

अक्सर, जिन वेबसाइटों और प्रोग्राम्स का बार बार इस्तेमाल किया जाता है, वे लैपटॉप या ऑफिस डेस्कटॉप पर बिना किसी लॉक के खुले होते हैं। अगर आप इन डिवाइसों तक पहुंच सकते हैं तो इन वेबसाइटों के कीवर्ड्स ही आपके सामने पेज खोल सकते हैं। सामान्य रूप से बच्चे और युवा तकनीक की बेहतर जानकारी रखते हैं, इसलिए अगर आप से संभव न हो तो विश्वसनीय रिश्तेदारों की मदद ली जा सकती है।

अगली बार, हम फाइलों, दस्तावेज़ों और ज़रूरी पेपर्स की संभावित जगहों की जांच करेंगे। ये एक कठिन समय है। हमें कमर कसकर आगे बढ़ते रहने की ज़रूरत है।

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A support group for family caregivers & anyone caring for family members with long term illnesses or Covid. यहां हिंदी और अंग्रेज़ी में जानकारी साझा की जाएगी.